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Showing posts from March, 2018

कविता- दिल की बात दिल ही जाने

कविता- दिल की बात दिल ही जाने तुम हकदार हो उन शब्दों के, जो आज तक कभी कह नही पायी, तुम न मिले होते तो क्या लिख पाती, इन शब्दों को लिखने के लिए, जज्बात तुम बने , मैं कलमकार थी, तुम शब्द...

कविता-आधुनिक युग की नारी हूँ मै

मैं आधुनिक युग की नारी हूँ, कमजोर नही हूँ मैं, सीमा को लांघना सीखा नही कभी, ऐसे संस्कार मुझे मिले नही, पहनती हूँ जीन्स टॉप भले ही, मगर बुजुर्गों का सम्मान करना सीखा है मैंने, को...