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Showing posts from May, 2018

मेरी प्यारी माँ

माँ एक शब्द नही है संसार बसता है उसमें, अपने खून से सींचकर हमे जीवन देती है, कितनी भी मुश्किलें क्यूँ न सहे, मगर कभी कुछ नही कहती है, कब मुझे भूख लगी कब मुझे प्यास लगती है, न जाने कैसे समझ जाती है माँ, बिना मेरे कुछ कहे सब समझ जाती है माँ, खुद तो भूखे रह लेगी माँ, अपने हिस्से का हर निवाला क्यूँ बांट देती है माँ, पालपोसकर इतना बड़ा कर देती है माँ, फिर भी कभी एहसान जताती नही माँ, कभी प्यार से डांट देती है माँ, और एक पल में ही मना लेती है माँ, नसीब वालो को मिलता है प्यार माँ का, मेरे दिल मे बसती है मेरी माँ, कितना प्यार देती है माँ ये शब्द कम पड़ जायेंगे, मेरे ज़िन्दगी का अहम हिस्सा है मेरी माँ, उसने ही ये संसार दिखाया, मुझे चलना सिखाया हर कदम पर गिरने से बचाया, मेरी प्यारी माँ तुम न होती तो मैं ना होती, इन आँखों से कैसे संसार को देखती, बस मेरे पास सदा रहना प्यारी माँ, कभी खुद से दूर न करना मेरी माँ, 'आकांक्षा पाण्डेय'उपासना हरदोई(उत्तर प्रदेश)

वासना नही प्रेम है ये

वासना नही प्रेम है ये- अगर मैं तुमसे अपने दिल का हर हाल कहूं, तो वो प्रेम है मेरा, अगर मैं तुमसे मिलने का जिक्र करूं, तो वो मिलन जिस्म का नही रूह से रूह को मिलने की ख्वाहिश होगी, मैं अगर तुमसे ढेर सारी बाते करूँ, तो वो प्रेम है मेरा छलावा नही, तुम अगर मुझे आजमाना चाहो तो आजमा लो, कोई मेरे जज्बात समझे न समझे, मगर तुम समझ लो बस, मुझे अब फिक्र ही नही है मेरे कल की, एक तुम्हे पाने के बाद मैं बेफिक्र हो गयी हूँ, मुझे नही चाहिये कोई और, बस तुमसे मिलने के बाद हर खुशी मिल गयी, तमन्ना यही है कि तुम्हारे चेहरे की  मुस्कान बनूँ, ये प्रेम है मेरा, कोई वासना नही की मेरा दिल भर जायेगा, ये दिल और मैं तुम्हे कभी भूल जाऊँगी, ऐसा कभी कोई दिन नही आयेगा, "उपासना पाण्डेय"आकांक्षा आज़ाद नगर हरदोई(उत्तर प्रदेश)