वासना नही प्रेम है ये

वासना नही प्रेम है ये-

अगर मैं तुमसे अपने दिल का हर हाल कहूं,

तो वो प्रेम है मेरा,

अगर मैं तुमसे मिलने का जिक्र करूं,

तो वो मिलन जिस्म का नही

रूह से रूह को मिलने की ख्वाहिश होगी,

मैं अगर तुमसे ढेर सारी बाते करूँ,

तो वो प्रेम है मेरा छलावा नही,

तुम अगर मुझे आजमाना चाहो तो आजमा लो,

कोई मेरे जज्बात समझे न समझे,

मगर तुम समझ लो बस,

मुझे अब फिक्र ही नही है मेरे कल की,

एक तुम्हे पाने के बाद मैं बेफिक्र हो गयी हूँ,

मुझे नही चाहिये कोई और,

बस तुमसे मिलने के बाद हर खुशी मिल गयी,

तमन्ना यही है कि तुम्हारे चेहरे की  मुस्कान बनूँ,

ये प्रेम है मेरा,

कोई वासना नही की मेरा दिल भर जायेगा,

ये दिल और मैं तुम्हे कभी भूल जाऊँगी,

ऐसा कभी कोई दिन नही आयेगा,

"उपासना पाण्डेय"आकांक्षा

आज़ाद नगर हरदोई(उत्तर प्रदेश)

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