कविता-इश्क़ समंदर
तेरे साथ बिताए हुए हर लम्हे से प्यार हो गया, तेरे साथ एक पल का रिश्ता नही, जन्म जन्मजांतर का रिश्ता बन गया, तुम्हारे बिना अधूरी ये ज़िन्दगी लगती है, तेरे बिना एक अधूरी सी कहानी लगती हूँ, समंदर की लहरों सी ज़िन्दगी लगती है, जज्बातो में ही बयान कर दूं क्या मोहब्बत, कोशिशे तो बहुत करती हूँ वफ़ा करने की, तू न रूठे मुझसे यही सोचती हूँ, तुझ बिन जीना मुश्किल है, तू कह दे अगर की दुनिया छोड़ दूं मैं, तो ये दुनिया भी भुला दूँगी मैं, बस तुझको अपनी हर सांस दे दूँगी मैं, तेरी यादे अब रातों को बहुत आती है, मेरी नींदे चुरा ले जाती है, तेरी कमी तभी पूरी होगी, जब हर सुबह तेरे संग गुजरेगी, हर शाम तेरे संग ढलेगी, 'उपासना पाण्डेय'आकांक्षा हरदोई(उत्तर प्रदेश)