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Showing posts from January, 2018

कविता-इश्क़ समंदर

तेरे साथ बिताए हुए हर लम्हे से प्यार हो गया, तेरे साथ एक पल का रिश्ता नही, जन्म जन्मजांतर का रिश्ता बन गया, तुम्हारे बिना अधूरी ये ज़िन्दगी लगती है, तेरे बिना एक अधूरी सी कहानी ...

कहानी-अनजान मुसाफ़िर भाग-7

 कहानी-अनजान मुसाफ़िर-भाग -7 रेवती ने ऋषभ के जाने के बाद खुद को अपने कमरे में ही कैद कर लिया था। क्या यही किस्मत थी उसकी क्या यही प्यार था उसका। काश उससे मिली न होती वो! यही सोचकर ...

लघुकथा- धुंध

आज सुमन ने नव वर्ष के आगमन में खूब शानदार पार्टी रखने की सोची । आज वैभव भी आ रहा था मुम्बई से। बहुत खुश थी मानो सारे जहां की खुशी एक पल में ही मिलने वाली थी। पूरे 3 महीने के बाद मि...