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Showing posts from February, 2018

Prtilipi pr meri story

"सागर से गहरा है प्यार हमारा", को प्रतिलिपि पर पढ़ें : https://hindi.pratilipi.com/story/%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%97%E0%A4%B0-%E0%A4%B8%E0%A5%87-%E0%A4%97%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A4%BE-%E0%A4%B9%E0%A5%88-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%B9%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE-h1gaGwLd6HUt&utm_source=android&utm_campaign=content_share भारतीय भाषाओँ में अनगिनत रचनाएं पढ़ें, लिखें और दोस्तों से साझा करें, पूर्णत: नि:शुल्क

लघुकथा- सुयोग्य वर

प्रियंका एक बेहद ही पढ़ी लिखी और खुले विचारों वाली लड़की थी मगर एक मध्यमवर्गीय परिवार में उसके विचारों को समझने वाला कोई नही था। माँ गृहणी थी और पिता जी एक सरकारी स्कूल में क्...

प्रतिलिपी पर मेरी कहानी

"प्रेमकथा प्रतियोगिता के लिए(पवित्र प्रेम)", को प्रतिलिपि पर पढ़ें : https://hindi.pratilipi.com/story/%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%AE%E0%A4%95%E0%A4%A5%E0%A4%BE-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%97%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%8F%E0%A4%AA%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%AE-04iTtktgTeJz&utm_source=android&utm_campaign=content_share भारतीय भाषाओँ में अनगिनत रचनाएं पढ़ें, लिखें और दोस्तों से साझा करें, पूर्णत: नि:शुल्क

लघुकथा- हैप्पी वेलेंटाइन डे

रिया खुद को  बहुत ही होशियार और आधुनिक युग की लड़की समझती अगर दादी कभी कह भी देती कि बिटिया जरा संभल कर कदम रखा कर जवान लड़कियों के ये लकछन ठीक नही और ये लाल लिपिस्टिक और काजर लग...

लघुकथा- हैप्पी वेलेंटाइन डे

रिया खुद को  बहुत ही होशियार और आधुनिक युग की लड़की समझती अगर दादी कभी कह भी देती कि बिटिया जरा संभल कर कदम रखा कर जवान लड़कियों के ये लकछन ठीक नही और ये लाल लिपिस्टिक और काजर लग...

कविता-आप जैसा पिता मिला

कविता-आप जैसा पिता मिला मेरा क्या अस्तित्व होता , अगर आप जैसा पिता मुझे न मिलता, हर ज़िद को पूरा किया, हर पल मेरी खुशियों का ख्याल रखा, आप परेशान होते हो, क्यूँ कुछ नही कहते हो?? हर ...

कविता-लोभ का अन्त कहाँ?

दहेज लेकर कब तक अपने बेटों को बेचेंगे लोग, फिर उम्मीद करते हैं कि एक बेटी घर आये बहू नही, कभी दर्द महसूस करो उन मां बाप का, जिनके घर बेटियां ब्याहने के लिये है, दहेज की आड़ में अच्...

अनजान मुसाफ़िर- भाग-8

कहानी-अनजान मुसाफ़िर भाग-8 सूरज की रोशनी चारो तरफ फैल चुकी थी। मां नाश्ता बना कर सबके आने की प्रतीक्षा करने लगी। रेवती पहले नाश्ते की टेबल पर इतना शोर मचाती थी कि सब परेशान हो ...

कहानी-आज़ाद पंक्षी

 कहानी-आजाद पंक्षी ज़िन्दगी इतनी आसान नही होती जितना कि लोगों को और समाज को लगता है कि एक महिला को कितने भागों में विभाजित कर दिया जाता है ,पहले एक बेटी का दर्जा फिर पत्नी फिर ...