कविता-आप जैसा पिता मिला
कविता-आप जैसा पिता मिला
मेरा क्या अस्तित्व होता ,
अगर आप जैसा पिता मुझे न मिलता,
हर ज़िद को पूरा किया,
हर पल मेरी खुशियों का ख्याल रखा,
आप परेशान होते हो,
क्यूँ कुछ नही कहते हो??
हर तकलीफ अकेले सहते हो,
मैं बेटी हूँ आपकी तो क्या हुआ,
आपकी हर तकलीफ समझती हूँ,
हमे भी तकलीफ होती है,
हर वक़्त हमारी खुशियों के लिए,
कितनी मेहनत करते हैं,
न सुकून की नींद,
न कभी आराम किया,
हर अच्छे पिता के जैसे हो,
दुनिया क्या कहती है,
कोई फर्क नही मुझको,
आप ही हमारा संसार हो,
आप ही हमारी दुनिया हो,
हर मुश्किल में आपके साथ हूँ,
हर परिस्थिति को समझना ,
इतना आसान नही,
मगर मैं क्यों भूल जाऊं,
जब मेरी हर खुशी का ख्याल,
आपने रखा तो फिर क्यूं सुनूं मैं लोगो की बकवास,
दुनिया ने क्या साथ दिया था ,
एक मजबूत सा इंसान जो खुद टूट कर बिखर गया,
मगर कभी हमे टूटने नही दिया,
धन्यवाद उस भगवान का,
जिसने मुझे आप जैसा पिता दिया,
"उपासना पाण्डेय"आकांक्षा
हरदोई(उत्तर प्रदेश)
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