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Showing posts from December, 2017

सामाजिक लेख-समाज सेवा के दो पहलू

हमारे देश मे समाज के हित के लिए करोड़ो सामाजिक संस्थाये चलाई जा रही है । खासकर युवा वर्ग खास कर जो स्टूडेंट है। युवाओं का ये जोश देखकर लगता है कि वाकई यह गऱीबी और भुखमरी को दूर ...

लघुकथा-अभिलाषा

पूजा के जन्म पर न जाने क्यूँ उदासी सी थी । मां की चिंता किसी को नही थी। प्रसव पीड़ा से ज्यादा सरला को अपने घरवालों के रवैया पर पीड़ा हुई । नन्ही सी पूजा बड़ी बड़ी आंखों से चारो तरफ न...

कहानी-सौतेली मां नही हूँ

।रूपा महज 19 साल की थी जब उसका विवाह 40 साल के सुरेश से हुई थी। गरीबी के कारण मां बाप पर बोझ ही थी वो उम्र में इतने बड़े आदमी से विवाह कर दिया। रूपा तो नासमझ सी थी। सुरेश की पहली पत्नी ...
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लघुकथा-दोषी कौन है?

संगीता रोज की तरह आज भी विद्यालय जाने के लिये तैयार हो रही थी। कक्षा आठ में पढ़ती थी संगीता ।उसके पिता किसान थे वो चाहते थे कि उसकी बेटी पढ़कर एक सरकारी अफसर बने और उनका नाम और अ...

लघुकथा-दादी की कुर्सी

सोनिया आज पूरे 15 साल बाद अपने देश भारत मे आयी थी। छोटी सी थी जब पापा मम्मी रिया दीदी, बूढ़ी दादी,और डॉगी टॉम को छोड़कर जब विदेश वाली मौसी के साथ भेज दिया था। दीदी से 5 साल छोटी थी सोन...

कहानी-तुम बिन अधूरी हूँ मैं

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दोस्तो ये कहानी एक रियल लव स्टोरी है। एक ऐसी लड़की की कहानी जिसमे उसकी जिंदगी का हर दर्द और गम हर खुशी का जिक्र किया है। कैसे उसकी मुलाकात उस शख्श से हुई  जो आज उसकी ज़िन्दगी बन ...

लघुकथा- अभागिन हूँ मैं

शादी के बाद ससुराल में  रूपमती ने जैसे ही कदम रखा कि काली बिल्ली रास्ता काट गयी। गावँ की बूढ़ी औरते जो खुद तो इन अंधविश्वास का शिकार थी ऊपर से,बेचारी 16 साल की कच्ची उम्र में ब्य...

कविता-तुम्हे लग जाये मेरी उम्र(विपुल मेरा भाई)

मेरे होठों की मुस्कान तुम्हे मिल जाये, तेरा हर गम मुझे मिल जाये, हर पल संग संग गुजारे, तुम बचपन से ही थे नटखट,  मैं थी भोली और नादान, तुम खूब सताते थे मुझे, तुम जैसा भाई जो मिल गया, ...