कविता-तुम्हे लग जाये मेरी उम्र(विपुल मेरा भाई)


मेरे होठों की मुस्कान तुम्हे मिल जाये,

तेरा हर गम मुझे मिल जाये,

हर पल संग संग गुजारे,

तुम बचपन से ही थे नटखट,

 मैं थी भोली और नादान,

तुम खूब सताते थे मुझे,

तुम जैसा भाई जो मिल गया,

बहुत खुशनसीब बहन बन गयी मैं,

तुम्हारे संग गुजरा बचपन मैं भूली नही,

हम आये साथ साथ इस दुनिया मे,

बस उस भगवान से यही दुआ करती हूँ,

सलामत रखे मेरे भाई(विपुल) को,

जीवन का हर लम्हा खास हो जाये उसका,

तुम से जो रिश्ता है मेरा,

दुनिया का सबसे खूबसूरत एहसास है,

तुम्हारा हर पल साथ मिला,

हर दुःख दर्द को साथ साथ सहते गये,

कोई भी मुश्किल आयी मुझ पर,

तुम ढाल बन गये,

नाज़ बहुत है मुझे मेरे भाई पर,

यूँ ही तुम हमेशा खुश रहो,

भगवान तुम्हे हर कदम पर कामयाबी दे,

हर गम से तुम अनजान रहो,

ये ज़िन्दगी के चौबीस साल गुजर गये,

वक़्त का पता ही नही चला,

तुम्हे मेरी उम्र का एक हिस्सा तोहफ़े में दे रही हूँ,

ज़िन्दगी भर खुश रहो ये दुआ दे रही हूँ,

'उपासना पांडेय' (आकांक्षा)

हरदोई (उत्तर प्रदेश)

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