लघुकथा-दोषी कौन है?

संगीता रोज की तरह आज भी विद्यालय जाने के लिये तैयार हो रही थी। कक्षा आठ में पढ़ती थी संगीता ।उसके पिता किसान थे वो चाहते थे कि उसकी बेटी पढ़कर एक सरकारी अफसर बने और उनका नाम और अपने गावँ दोनो का नाम रोशन करे।  संगीता के बहुत से ख्वाब थे। पढ़ने में बहुत तेज थी विद्यालय में हमेशा प्रथम श्रेणी में पास  होती। सुबह विद्यालय जाने के लिये जैसे ही बाहर निकली गावँ के जमींदार का बेटा भूरा जो कि शराबी और अय्याश किस्म का  था ।घर से कुछ दूर पहुँची थी कि उस भूरा ने संगीता को गन्ने के खेत मे खींचकर ले जाकर दुष्कर्म किया। सुनसान जगह थी तो कोई जान ही नही पाया। शाम तक जब संगीता वापिस नही आई तो घरवालों को चिंता सताई कि संगीता गयी कहाँ काफी खोजबीन के बाद बेहोश मिली गावँ से दूर एक खेत मे अर्धनग्न अवस्था मे ।  कुछ नही बोल पायी बस कुछ देर माँ और बाप को निहारती रही और हालत बिगड़ने के कारण उसकी मौत हो गयी। मरने से पहले बस एक ही नाम लिया ' भूरा'। मगर माँ बाप बदनामी और गरीबी के आगे कुछ नही कर पाये उस राक्षस के साथ।  ज़मीदार ने भी पैसे के बलबूते मुहँ बन्द कर दिया ।भूरा आज भी न जाने कितनी लड़कियो का जीवन बर्बाद कर रहा है। बिना सजा पाये ही घूम रहा है। और  संगीता के मां बाप कैसे थे जिनको बेटी का दर्द ही नही दिखा कौन दोषी है??

'उपासना पाण्डेय'आकांक्षा

आज़ाद नगर हरदोई(उत्तर प्रदेश)

Comments

  1. दोषी हमारा सिस्टम है ,दोषी माँ बाप नहीं . सिस्टम ठीक होने पर दुष्कर्मी सजा जरुर पाता .
    हिन्दीकुंज,हिंदी वेबसाइट/लिटरेरी वेब पत्रिका

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