कविता -दिल की बात
दिल मे नही रुकते अब मेरे जज्बात ,तुम रहते हो
मेरे दिल के पास ,मुझे फर्क नही पड़ता कि तुम रहते हो मुझसे दूर,बस तुम्हे कोई जब देखता है, तो दिल पता नही क्यों हो जाता है उदास,उसको भी खबर है कि तुम सिर्फ मुझसे मोहब्बत करते हो,मगर न जाने कैसे अजीब सा होता है एहसास,कि कही कोई तुम्हें हमसे अलग न कर दे बड़ी मुश्किलो से मिले हो तुम,हर बार मोहब्बत में खुद को आजमाएं ,ऐसा हम सोचते नही तुम मेरी ज़िंदगी हो और तुम ही मेरी आखरी मोहब्बत हो सुना है कि लोग तुम पर मरते हैं मगर प्यार सिर्फ हम तुमसे करते हैं ये जान भी तुम्हारी होगी ये लड़की और उसकी सांसे भी तुम्हारी,बस कभी भूल जाना तो बता देना हम उस पल खुद ही दूर हो जायेगे,चले जायेंगे इतनी दूर,कि कभी नज़र न आएंगे,फिर तुम भी ढूढंने कि कोशिश न करना,बस रखना दिल पर हाथ अपने और धड़कनों में महसूस करना।। "उपासना पाण्डेय"हरदोई (उत्तर प्रदेश)
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