मेरी कलम से

     मेरी कविता-इजहार


सर्द सी रात और वो जनवरी की मुलाकात
तुम्हारा वो प्यार,मेरा वो तुमसे मोहब्बत का इजहार
वो तेरा सुहाना सा सफर और वो जनवरी की 
हमारी पहली मुलाकात, तुम्हारा मेरी ज़िंदगी मे आना
और ज़िन्दगी का एक पल का सफर 
उम्र भर का तुम्हारा साथ और तुम्हारा वो अपनेपन
का एक एहसास, और तुमसे मिलने का वो ख्वाब
वो तुम्हारा पहला इनकार,और फिर वो तुम्हारा बेइंतहा
प्यार,कितनी खास थी वो रात जब तुमसे मोहब्बत
का इजहार किया था,और तुम्हारा वो इंकार
मुझे खलता बहुत था,मोहब्बत पर यकीन नही था तुम्हे
आज शायद समझा तुमने चाहत को हमारी
तभी तो आज भी हम है साथ,बस तेरा साथ मिलता रहे,और चाहिये मुझे ज़िन्दगी का भर प्यार।।

"उपासना पाण्डेय(आकांक्षा)
आज़ाद नगर हरदोई(उत्तर प्रदेश)

Comments

Popular posts from this blog

कविता-रिश्तों के भंवर में

मेरी कलम से।