मेरी शायरी...कुछ तो बाकी है

❤बस तेरे साथ जीने की ख्वाहिश है मुझे..........अगर छोड़ना ही होता तो मोहब्बत ही क्यों करते हम......... बस ये सोचते हैं कि कैसे तुम्हे आज भी बस हमसे दूर होने की ख्वाहिश रहती है..........क्या मोहब्बत में बिछड़ने के बाद लोग जी पाते है.....पता नही उन लोगो का मगर ....बस ये ज़िन्दगी तुम तक है और तुम पर ही खत्म होगी........माना कि हमेशा से कोई खास रहा कोई......न जाने मेरी एहमियत कब समझ आएंगी........... तकलीफ होती है जब तुम कहते हो कि अभी भी वक़्त है हम तुमसे बिछड़ जाए मगर........ क्या कभी ये नही कह सकते कि हमसे दूर मत जाना कभी..............क्या कभी सोचा है तुम्हारा ये सवाल हमे हर रोज कमजोर बना देता है कि क्या सिर्फ मैने कोई प्यार नही गुनाह किया हो......।।❤उपासना पाण्डेय"❤

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