ये मेरा मन उदास सा क्यों है, सब के साथ हूँ। मगर क्यों एक भ्रम जाल सा बन गया है। मैंने भी महसूस किया ये बदलाव हैं। क्यों मुझे कुछ समझ नही आता। जितना सुलझा रही हूं ये उलझे हुऐ रिश...
"आखिरी पड़ाव", को प्रतिलिपि पर पढ़ें : https://hindi.pratilipi.com/story/0RDdfgDLpSEG?utm_source=android&utm_campaign=content_share भारतीय भाषाओँ में अनगिनत रचनाएं पढ़ें, लिखें और दोस्तों से साझा करें, पूर्णत: नि:शुल्क
आज के दौर में जो बचपन खो रहा है । उसका मुख्य कारण यह है कि लोग बच्चो को एकल परिवार में रखते हैं । पहले परिवार का प्यार और साथ दोनो ही मिलते थे बच्चो को। दादा -दादी ,बड़े बुजुर्गों ...
Comments
Post a Comment